🛕माँ बंगलामुखी मंदिर जिला आगर मालवा नलखेड़ा (मध्य प्रदेश)।
माँ बगलामुखी अष्टोत्तर-शतनाम-स्तोत्रम्
यहाँ माँ बगलामुखी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् (108 नाम) प्रस्तुत है। यह स्तोत्र माँ बगलामुखी की उपासना के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इसका नित्य पाठ साधक को शत्रुओं पर विजय, वाक्सिद्धि और अद्भुत आत्मबल प्रदान करता है।
माँ बगलामुखी अष्टोत्तर-शतनाम-स्तोत्रम्
ॐ बगलायै नमः।
ॐ बगलामुख्यै नमः।
ॐ शत्रुनाशिन्यै नमः।
ॐ जगद्वन्द्यायै नमः।
ॐ चतुर्भुजायै नमः।
ॐ चक्रगदाधारिण्यै नमः।
ॐ रक्तवस्त्रपरिधानायै नमः।
ॐ पीताम्बरायै नमः।
ॐ स्तम्भनायै नमः।
ॐ मोहनायै नमः।
ॐ उच्चाटनायै नमः।
ॐ विद्वेषणायै नमः।
ॐ मारणायै नमः।
ॐ सर्वकर्मविरोधिन्यै नमः।
ॐ सौम्यायै नमः।
ॐ दण्डिन्यै नमः।
ॐ शूलिन्यै नमः।
ॐ खड्गिन्यै नमः।
ॐ मुद्गरायुधायै नमः।
ॐ पीतवर्णायै नमः।
ॐ पीतग्रहायै नमः।
ॐ पीतपुष्पप्रियायै नमः।
ॐ पीतगन्धानुलेपनायै नमः।
ॐ पीतगन्धायै नमः।
ॐ पीताभरणभूषितायै नमः।
ॐ पीतायुधधारिण्यै नमः।
ॐ पीताशनायै नमः।
ॐ पीतार्चितायै नमः।
ॐ पीतासनायै नमः।
ॐ पीतलेपनायै नमः।
ॐ कामेश्वरप्राणवल्लभायै नमः।
ॐ कालरात्रिस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ उग्रायै नमः।
ॐ चण्डायै नमः।
ॐ विकृत्तायै नमः।
ॐ भीषणायै नमः।
ॐ रक्तनेत्रायै नमः।
ॐ महातेजसे नमः।
ॐ योगिनीसेवितायै नमः।
ॐ सिद्धगन्धर्वपूजितायै नमः।
ॐ ब्रह्ममूर्त्यै नमः।
ॐ महेश्वर्यै नमः।
ॐ विष्णुमूर्त्यै नमः।
ॐ त्रैलोक्यमोहिन्यै नमः।
ॐ कामरूपिण्यै नमः।
ॐ रुद्रमुख्यै नमः।
ॐ त्रिनेत्रायै नमः।
ॐ महेश्वर्यै नमः।
ॐ ब्रह्मस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ परायै नमः।
ॐ परात्परायै नमः।
ॐ महाशक्त्यै नमः।
ॐ महामायायै नमः।
ॐ महामोहिन्यै नमः।
ॐ महामारिण्यै नमः।
ॐ भक्तवत्सलायै नमः।
ॐ भक्तप्रियमुख्यै नमः।
ॐ पराशक्त्यै नमः।
ॐ पराश्रितायै नमः।
ॐ जगन्मातृसे नमः।
ॐ जगद्धात्र्यै नमः।
ॐ जगत्प्रभवे नमः।
ॐ शिवायै नमः।
ॐ शिवदायिन्यै नमः।
ॐ सर्वशत्रुहरायै नमः।
ॐ चण्डिकायै नमः।
ॐ शत्रुनिवारिण्यै नमः।
ॐ सर्वविद्याधारिण्यै नमः।
ॐ सर्वसिद्धिप्रदायिन्यै नमः।
ॐ सर्वकामदायिन्यै नमः।
ॐ सर्वमङ्गलायै नमः।
ॐ सर्वाभीष्टदायिन्यै नमः।
ॐ सर्वरोगहरायै नमः।
ॐ सर्वपापनाशिन्यै नमः।
ॐ दुर्गायै नमः।
ॐ दुष्टनिवारिण्यै नमः।
ॐ सर्वज्ञायै नमः।
ॐ सर्वशक्त्यै नमः।
ॐ श्रीविद्यायै नमः।
ॐ श्रीमहात्रिपुरासुन्दरी नमः।
ॐ महामन्त्रस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ महामन्त्रप्रदायिन्यै नमः।
ॐ गुरुमूर्त्यै नमः।
ॐ गुरुदायिन्यै नमः।
ॐ गुरुगीतारूपिण्यै नमः।
ॐ योगमातृसे नमः।
ॐ योगजनन्यै नमः।
ॐ योगसिद्ध्यै नमः।
ॐ सिद्धविद्यायै नमः।
ॐ सिद्धयायै नमः।
ॐ शक्त्यै नमः।
ॐ शक्ति स्वरूपिण्यै नमः।
ॐ शक्तिमातृसे नमः।
ॐ शक्तिदायिन्यै नमः।
ॐ कपालिन्यै नमः।
ॐ कालिकायै नमः।
ॐ कामकलायै नमः।
ॐ कुलस्वामिन्यै नमः।
ॐ कुलकुण्डलिन्यै नमः।
102.ॐ त्रैलोक्यवन्द्यायै नमः।
104.ॐ त्रैलोक्यमोहनायै नमः।
105.ॐ त्रैलोक्यनाशिन्यै नमः।
106.ॐ त्रैलोक्यरक्षिण्यै नमः।
107.ॐ त्रैलोक्यवन्दितायै नमः।
माँ बगलामुखी अष्टोत्तर-शतनाम-स्तोत्रम्
ओम् ब्रह्मास्त्र-रुपिणी देवी,माता श्रीबगलामुखी ।चिच्छिक्तिर्ज्ञान-रुपा च,ब्रह्मानन्द-प्रदायिनी ॥ 1 ॥
महा-विद्या महा-लक्ष्मी,श्रीमत् -त्रिपुर-सुन्दरी ।भुवनेशी जगन्माता,पार्वती सर्व-मंगला ॥ 2 ॥
ललिता भैरवी शान्ता,अन्नपूर्णा कुलेश्वरी ।वाराही छिन्नमस्ता च,तारा काली सरस्वती ॥ 3 ॥
जगत् -पूज्या महा-माया,कामेशी भग-मालिनी ।दक्ष-पुत्री शिवांकस्था,शिवरुपा शिवप्रिया ॥ 4 ॥
सर्व-सम्पत्-करी देवी,सर्व-लोक वशंकरी ।वेद-विद्या महा-पूज्या,भक्ताद्वेषी भयंकरी ॥ 5 ॥
स्तम्भ-रुपा स्तम्भिनी च,दुष्ट-स्तम्भन-कारिणी ।भक्त-प्रिया महा-भोगा,श्रीविद्या ललिताम्बिका ॥ 6 ॥
मेना-पुत्री शिवानन्दा,मातंगी भुवनेश्वरी ।नारसिंही नरेन्द्रा च,नृपाराध्या नरोत्तमा ॥ 7 ॥
नागिनी नाग-पुत्री च,नगराज-सुता उमा ।पीताम्बरा पीत-पुष्पा च,पीत-वस्त्र-प्रिया शुभा ॥ 8 ॥
पीत-गन्ध-प्रिया रामा,पीत-रत्नार्चिता शिवा ।अर्द्ध-चन्द्र-धरी देवी,गदा-मुद्-गर-धारिणी ॥ 9 ॥
सावित्री त्रि-पदा शुद्धा,सद्यो राग-विवर्द्धिनी ।विष्णु-रुपा जगन्मोहा,ब्रह्म-रुपा हरि-प्रिया ॥ 10 ॥
रुद्र-रुपा रुद्र-शक्तिद्दिन्मयी,भक्त-वत्सला ।लोक-माता शिवा सन्ध्या,शिव-पूजन-तत्परा ॥ 11 ॥धनाध्यक्षा धनेशी च,धर्मदा धनदा धना ।चण्ड-दर्प-हरी देवी,शुम्भासुर-निवर्हिणी ॥ 12 ॥
राज-राजेश्वरी देवी,महिषासुर-मर्दिनी ।मधु-कैटभ-हन्त्री च,रक्त-बीज-विनाशिनी ॥ 13 ॥
धूम्राक्ष-दैत्य-हन्त्री च,भण्डासुर-विनाशिनी ।रेणु-पुत्री महा-माया,भ्रामरी भ्रमराम्बिका ॥ 14 ॥
ज्वालामुखी भद्रकाली,बगला शत्र-ुनाशिनी ।इन्द्राणी इन्द्र-पूज्या च,गुह-माता गुणेश्वरी ॥ 15 ॥
वज्र-पाश-धरा देवी,जिह्वा-मुद्-गर-धारिणी ।भक्तानन्दकरी देवी,बगला परमेश्वरी ॥ 16 ॥
अष्टोत्तरशतं नाम्नां,बगलायास्तु यः पठेत् ।रिप-ुबाधा-विनिर्मुक्तः,लक्ष्मीस्थैर्यमवाप्नुयात्॥ 1 ॥
भूत-प्रेत-पिशाचाश्च,ग्रह-पीड़ा-निवारणम् ।राजानो वशमायाति,सर्वैश्वर्यं च विन्दति ॥ 2 ॥
नाना-विद्यां च लभते,राज्यं प्राप्नोति निश्चितम् ।भुक्ति-मुक्तिमवाप्नोति,साक्षात् शिव-समो भवेत् ॥ 3 ॥॥ श्रीरूद्रयामले सर्व-सिद्धि-प्रद श्री बगलाष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
"शत्रुओं का नाश, वाणी में विजय, बुद्धि में स्थिरता – यही है माँ बगलामुखी का वरदान। पीताम्बरा शक्ति की शरण में जो जाए, वह हर संकट से मुक्त हो जाए। जय माँ बगलामुखी!"
🛕माँ बंगलामुखी मंदिर जिला आगर मालवा नलखेड़ा (मध्य प्रदेश)।
Comments